ऑपरेशन “सिंदूर” के बाद पाकिस्तान की नई सामरिक तैयारी  75,421 करोड़ के रक्षा सौदे, चीन-तुर्की बने बड़ेसप्लायर  
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ऑपरेशन “सिंदूर” के बाद पाकिस्तान की नई सामरिक तैयारी  75,421 करोड़ के रक्षा सौदे, चीन-तुर्की बने बड़ेसप्लायर  

रिपोर्ट रांची डेस्क•••••• 

इस्लामाबाद ऑपरेशन सिंदूर में मिली करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान अब नई सामरिक तैयारी में जुट गया है। भारत के हाथों हार के बाद पड़ोसी देश ने अपने रक्षा सौदों को फास्ट ट्रैक पर डाल दिया है। पाकिस्तान ने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम, आधुनिक लड़ाकू विमान और प्रिसीजन गाइडेड म्यूनिशन की खरीद पर विशेष जोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरे रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर करीब 75,421 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।  

 भविष्य की आक्रामकता पर नजर  

पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सभी खरीद इसलिए तेजी से की जा रही है ताकि भविष्य में किसी भी तरह की आक्रामकता का सामना करने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह तैयार रहे। अधिकारी के अनुसार, यह तैयारी केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि *भारत-इज़राइल की किसी संयुक्त कार्रवाई* को ध्यान में रखकर भी की जा रही है।  

आर्मी रॉकेट फोर्स बनेगी तैयारी का केंद्र  

रक्षा बजट का सबसे बड़ा हिस्सा नवगठित **आर्मी रॉकेट फोर्स** पर केंद्रित किया गया है। इसका मकसद लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल और रॉकेट सिस्टम से भारत के मुकाबले सामरिक बढ़त हासिल करना है। पाकिस्तान अपने इस नए सैन्य ढांचे को “क्षेत्रीय बैलेंस ऑफ पावर” के लिए आवश्यक बता रहा है।  

 चीन और तुर्की पर बढ़ रही निर्भरता  

 पाकिस्तान के आयातित हथियारों में 80% से अधिक सप्लाई करने वाला देश चीन है। बीजिंग से पाकिस्तान को लड़ाकू विमान, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और अन्य सामरिक तकनीक मिल रही है।  

तुर्की भी पाकिस्तान का रणनीतिक रक्षा भागीदार बनता जा रहा है। अंकारा और इस्लामाबाद के बीच चल रहे नए डिफेंस सौदों का फोकस उन्नत ड्रोन तकनीक और नौसेना प्रणालियों पर है।  

 भारत पर नजर, क्षेत्रीय सुरक्षा में तनाव  

पाकिस्तान की इन तैयारियों को सीधे तौर पर भारत के संदर्भ में देखा जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस्लामाबाद की इस तेज़ी से बढ़ती युद्धक तैयारी से दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ और बढ़ सकती है

विश्लेषकों का मानना है कि ऑपरेशन “सिंदूर” की विफलता ने पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठा पर बड़ा झटका दिया है और अब सरकार तथा सेना दोनों ही उस पर लगे सवालों का जवाब देने के लिए सामरिक तैयारियों का नया रास्ता अपना रहे है

 

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