राज्य की पहली महिला प्रभारी डीजीपी बनीं तदाशा मिश्रा
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राज्य की पहली महिला प्रभारी डीजीपी बनीं तदाशा मिश्रा

पुलिस मुख्यालय में संभाला कार्यभार, कहा झारखंड स्थापना दिवस शांतिपूर्ण तरीके से मनाना मेरी पहली प्राथमिकत

रिपोर्ट:रांची डेस्क 

राँची झारखंड की पुलिस व्यवस्था के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। झारखंड कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने शुक्रवार को राज्य की प्रभारी डीजीपी (महानिदेशक पुलिस) का कार्यभार ग्रहण किया। इसके साथ ही वे झारखंड की पहली महिला बनीं, जिन्हें राज्य पुलिस के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तदाशा मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय, राँची पहुंचकर विधिवत रूप से पदभार संभाला। इस अवसर पर पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी, रेंज डीआईजी, जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) और मुख्यालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पहली प्राथमिकता स्थापना दिवस पर शांति व्यवस्था

कार्यभार ग्रहण करने के बाद नए प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता आगामी झारखंड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) को शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न कराना होगी। उन्होंने कहा 

स्थापना दिवस झारखंड की अस्मिता का प्रतीक है। इसे पूरी शांति, सुरक्षा और अनुशासन के साथ मनाना हमारी जिम्मेदारी है।

टीम भावना’ से काम करने पर जोर

मिश्रा ने आगे कहा कि पुलिस बल तभी मजबूत बन सकता है, जब सभी स्तरों पर टीम भावना के साथ काम किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर अधिकारी और जवान के सुझावों को महत्व दिया जाएगा ताकि कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल हो सकें।

पुलिस की छवि सुधारने पर रहेगा फोकस

नव नियुक्त प्रभारी डीजीपी ने कहा कि अब समय है कि जनता और पुलिस के बीच भरोसे की डोर को और मजबूत किया जाए।हमारा फोकस यह रहेगा कि लोगों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि बने। आम नागरिकों को यह महसूस हो कि पुलिस उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए है।

पूर्व पद गृह विभाग में विशेष सचिव

डीजीपी बनने से पहले तदाशा मिश्रा झारखंड के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई नीतिगत फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महिला नेतृत्व से नई उम्मीदें

राज्य में किसी महिला अधिकारी के पुलिस प्रमुख बनने को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लोग इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं।

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