भारत-पाकिस्तान एशिया कप मुकाबले में विवाद
रिपोर्ट रांची डेस्क••••••
हारिस रऊफ पर 30% मैच फीस का जुर्माना, फरहान को चेतावनी; आईसीसी ने सूर्यकुमार पर भी कार्रवाई की
दुबई, शुक्रवार। भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप के अहम मुकाबले में मैदान के बाहर भी विवाद का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को कठोर कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज हारिस रऊफ पर उनके आक्रामक और आपत्तिजनक इशारों के लिए मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया। वहीं उनके साथी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान को चेतावनी दी गई, जिन्होंने बल्लेबाजी के दौरान शॉट खेलने के बाद ‘गोली चलाने’ जैसी हरकत कर जश्न मनाया था।
मैच रैफरी ने सुनवाई की
मैच रैफरी रिकी रिचर्डसन ने शुक्रवार दोपहर टीम होटल में इस मामले की सुनवाई पूरी की। सुनवाई के बाद रऊफ को दोषी पाया गया। जबकि फरहान को औपचारिक चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। खास बात यह रही कि दोनों खिलाड़ियों ने लिखित जवाब दाखिल करने के बाद भी खुद को निर्दोष बताया और सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। इस प्रक्रिया के दौरान टीम मैनेजर नवीद अकरम चीमा भी मौजूद थे।
बीसीसीआई की शिकायत पर हुई कार्रवाई 
यह पूरा विवाद तब और गरमा गया जब बीसीसीआई ने बुधवार को आईसीसी के समक्ष आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में दोनों पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर भारत के खिलाफ भड़काऊ इशारे करने का आरोप लगाया गया था। बीसीसीआई का कहना था कि इन हरकतों से न केवल खेल भावना आहत हुई, बल्कि खिलाड़ियों के बीच तनाव भी बढ़ा।
सूर्यकुमार यादव भी नहीं बचे
सुनवाई के दौरान आईसीसी ने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की। यादव पर आरोप था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान मुकाबले के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष पर टिप्पणी की थी। आईसीसी ने इस बयान को राजनीतिक स्वरूप का बताते हुए उन पर भी मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना ठोका।
क्रिकेट मैदान पर खेल बनाम भावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान खिलाड़ियों का जोश और माहौल अक्सर गरमाता है, लेकिन आईसीसी खेल भावना से समझौता बर्दाश्त नहीं करने के मूड में है। यही वजह है कि इस बार आरोप भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों—दोनों पर लगे और कार्रवाई भी संतुलित तरीके से हुई।
दोनों देशों को दिया गया निर्देश
आईसीसी ने दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड को यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में खिलाड़ियों को ऐसी स्थिति से बचने और आचार संहिता का पालन करने के लिए संवेदनशील बनाया जाए।
