आज झारखंड ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक हुआ रांची में
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
9-9-2025 को झारखंड ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक को लेकर सामने आई है। बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर बोर्ड के ही एक सदस्य ने आपत्ति जताई है।
बैठक पर सवाल
ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के सदस्य अमरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी उपस्थिति के बिना ही बैठक संपन्न कर ली गई। उनका कहना है कि “ट्रांसजेंडर्स के हित और कल्याण से जुड़े फैसले, उनकी अनुपस्थिति में कैसे तय किए जा सकते हैं? यह गलत परंपरा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि अधिकारी समय से पहले बैठक कर फैसले ले रहे हैं और असल हितधारकों को शामिल नहीं कर रहे।
बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि झारखंड के किन्नरों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए राज्यव्यापी सर्वे कराए जाने का फैसला हुआ। सचिव अलका तिवारी ने निर्देश दिए कि जिलावार आंकड़े जुटाए जाएं, ताकि ट्रांसजेंडर्स की वास्तविक संख्या, उनकी जरूरतें, और उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से पता चल सकें।मुख्य सचिव ने कहा कि सर्वे से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि ट्रांसजेंडर्स को निर्धारित विभिन्न सरकारी योजनाओं से आसानी से जोड़ा जा सके सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही कल्याण योजनाओं के लिए फंड का प्रावधान और अन्य सुविधाएं तय की जाएंगी।
असंतोष और नाराज़गी
जहां एक ओर यह फैसला ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बोर्ड के कुछ सदस्यों की नाराज़गी भी सामने आई है। सदस्य अमरजीत सिंह का कहना है कि अगर फैसले लेने में समुदाय की प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित नहीं हुई, तो योजनाओं का वास्तविक लाभ प्रभावित हो सकता है झारखंड सरकार यह दावा कर रही है कि राज्यव्यापी सर्वे से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए योजनाओं का बेहतर खाका तैयार होगा। लेकिन बैठक को लेकर उठे सवाल दिखाते हैं कि पारदर्शिता और वास्तविक साझेदारी के बिना इस पहल पर विवाद मंडराने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और बोर्ड इस असंतोष को दूर करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
