
कुख्यात अपराधी मयंक सिंह को अजरबैजान से लाया गया भारत
रांची:झारखंड पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. राज्य के सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक, मयंक सिंह को अजरबैजान से भारत लाया गया है. झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी अपराधी को विदेश से प्रत्यर्पण कर वापस लाया गया है.
क्या है पूरा मामला?
मयंक सिंह, जिसका असली नाम सुनील मीणा है, झारखंड के साथ-साथ राजस्थान और पंजाब में भी 50 से अधिक गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित था. इन मामलों में हत्या, रंगदारी, धमकी और फायरिंग जैसी वारदातें शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह भारत से भागकर अजरबैजान में छिप गया था, लेकिन वहां से भी वह अपने आपराधिक गिरोह को इंटरनेट कॉल के जरिए चला रहा था. वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय था और अक्सर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करता था.
लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग से संबंध
पुलिस का कहना है कि मयंक सिंह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गिरोह का करीबी सहयोगी है. वह इन दोनों गैंग के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करता था. उसकी गिरफ्तारी से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे इन गैंगों के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिल सकती है.
एटीएस की कार्रवाई
झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मयंक सिंह को वापस लाने के लिए एक विशेष मिशन चलाया. एटीएस के एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एक टीम अजरबैजान गई. इंटरपोल द्वारा मयंक सिंह के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर अजरबैजान की पुलिस ने उसे अक्टूबर 2024 में हिरासत में लिया था. इसके बाद, कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एटीएस टीम मयंक सिंह को लेकर शनिवार सुबह रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंची.
आगे की कार्रवाई
एयरपोर्ट से मयंक सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच रामगढ़ भेजा गया, जहाँ उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के बाद एटीएस की टीम उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर, मयंक के खिलाफ दर्ज सभी मामलों की समीक्षा की जा रही है, ताकि उसके खिलाफ मजबूत सबूत और गवाह जुटाए जा सकें और उसे सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके.