केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना
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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना

रिपोर्ट रांची डेस्क 

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों और किसानों, दोनों वर्गों के हित में अहम फैसले लिए गए। बैठक में केंद्र के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनधारकों को राहत देने वाला निर्णय लेते हुए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि नया आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन संरचना में सुधार हेतु सिफारिशें तैयार करेगा। आयोग की अवधि गठन की तारीख से 18 माह निर्धारित की गई है, जिसके भीतर उसे अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

वैष्णव ने बताया कि आयोग की सिफारिशें कब से लागू होंगी, यह अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा, लेकिन उनके अनुसार “अधिक संभावना है कि यह एक जनवरी, 2026 से प्रभावी हो जाए।”  

आठवां वेतन आयोग बनने की घोषणा से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उत्साह का माहौल है, जिन्हें पिछली बार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचा था।

किसानों को बड़ी राहत: रबी सत्र 2025-26 के लिए 37,952 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी मंजूर

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के हित में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। रबी सत्र 2025-26 के लिए गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी नीति को मंजूरी दी गई है। सरकार ने इसके लिए कुल 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की है।

मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह फैसला देशभर के किसानों की फसल उत्पादन लागत को कम करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस कदम से आने वाले रबी सत्र में गेहूं, चना, और सरसों जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई के दौरान किसानों को गुणवत्ता वाले उर्वरक उचित कीमत पर प्राप्त हो सकेंग

कर्मचारियों और किसानों दोनों के लिए लाभकारी निर्णय

सरकार के इन दो बड़े निर्णयों को आम जनता के हित में लिया गया कदम माना जा रहा है। एक तरफ जहां केंद्रीय कर्मचारियों को नई वेतन संरचना और भत्तों से आर्थिक राहत मिलेगी, वहीं किसानों को उर्वरक पर दी जा रही सब्सिडी से सीधे तौर पर खेती की लागत कम होने का फायदा होगा।  

बैठक को देश के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को संतुलित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

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