 
			गोलाबाजार चेरकी रोड अंडरपास कार्य स्थगित कर दिया गया
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
बिहार:-शेरघाटी के अंडरपास को लेकर हाल ही में बड़ा विवाद सामने आया है। नई बाजार इलाके में बना यह अंडरपास न केवल दक्षिणी और उत्तरी शेरघाटी, बल्कि आसपास के मुख्य बाजारों को जोड़ता था। इस अंडरपास को सुरक्षा और सड़क चौड़ीकरण परियोजना के कारण बंद कर दिया गया। इस फैसले पर कई स्तर पर सवाल भी उठे हैं और प्रशासन पर आरोप-प्रत्यारोप दिखाई दे रहे हैं
अंडरपास निर्माण स्थान
शेरघाटी के नई बाजार स्थित यह अंडरपास जीटी रोड के लगभग 18 वर्ष पुराने अंडरपास में आता है, जो चेरकी रोड और गोलाबाजार रोड को जोड़ता है। इसका लोगोें की आवाजाही और बाजार के संपर्क को सुगम बनाने में बड़ा योगदान था
अंडरपास क्यों बंद कर दिया गया?
सड़क चौड़ीकरण एवं सिक्स लेन परियोजना के तहत अंडरपास के ऊपर से गुजरती जीटी रोड का विस्तार किया जा रहा है। सुरक्षा कारणों से दक्षिणी छोर के लोग लगातार इसकी बंदी की मांग कर रहे थे, जबकि पश्चिमी छोर के नागरिक इसे चालू रखने पर जोर दे रहे थे नेशनल हाईवे अथॉरिटी के निर्देशानुसार यहाँ अंडरपास के लिए कोई औपचारिक स्थायी प्रावधान नहीं होने और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे भरकर बंद कर दिया गया वैकल्पिक मार्ग मोरहर नदी के किनारे से बनाया गया, जिससे दोपहिया व चारपहिया वाहनों की आवाजाही संभव हो सके
किस पर आरोप हैं? किसकी भूमिका संदिग्ध?
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और सत्ताधारी पक्ष ने जनभावनाओं की अनदेखी की है विपक्ष या प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर अपनी राय प्रकट नहीं की, जिससे जनता में रोष देखा जा रहा है।
क्या हो रही है आलचना
सोशल मीडिया पर इसे चुनावी मुद्दे से जोड़कर प्रशासन व नेताओं की चुप्पी की आलोचना हो रही है आमजनता और दुकानदारों का कहना है कि अंडरपास बंद होने से दोनों तरफ के व्यापारियों और नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है
स्थानीय क्रिया-प्रतिक्रिया
कई बार जब प्रयास किया गया अंडरपास बंद कराने के लिए तो नागरिकों के विरोध के चलते निर्माण कंपनी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हालांकि अंत में अधिकारियों की निगरानी व पुलिस सुरक्षा में इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया अब आवाजाही के लिए मोरहर नदी के किनारे वैकल्पिक मार्ग का उपयोग किया जा रहा है
जनता में नाराजगी 
शेरघाटी का नई बाजार अंडरपास क्षेत्र की सामाजिक, व्यवसायिक और सांस्कृतिक आवाजाही के लिए बेहद महत्वपूरण था। इसके बंद होने के निर्णय पर नेताओं की चुप्पी और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई को लेकर जनता में काफी नाराजगी और असंतोष है। आने वाले चुनावों में यह स्थानीय मुद्दा प्रमुखता से उठ सकता है और प्रशासन की जवाबदेही भी तय हो सकती है

 
			 
			