देवघर एम्स में छठा वार्षिक उत्सव धूम धाम स मना
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
देवघर एम्स ने मंगलवार को अपना छठा वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया। इस विशेष मौके पर झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे तथा संस्थान के निदेशक डॉ. सौरव वार्ष्णेय समेत कई विशिष्ट लोग मौजूद रहे।
नींव से लेकर उपलब्धियों तक
देवघर एम्स का शिलान्यास 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद 16 सितंबर 2019 को एमबीबीएस के पहले बैच की शुरुआत हुई। तभी से हर वर्ष इसी दिन वार्षिक उत्सव मनाने की परंपरा बनी। एम्स निदेशक डॉ. वार्ष्णेय के अनुसार, “पिछले साढ़े पांच साल चुनौतियों से भरे रहे, लेकिन आज संस्थान स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं में एक ऊंचे मुकाम तक पहुंच चुका है।”
संस्थान ने वर्षवार एमबीबीएस दाखिले में लगातार वृद्धि की है:
2019: 50 छात्र
2020: 62 छात्र
2021: 125 छात्र
2022: 125 छात्र
2023: 125 छात्र
2024: 125 छात्र
2025: 125 छात्र
आज एम्स देवघर 125 सीटों के साथ एमबीबीएस शिक्षा प्रदान कर रहा है और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।
आधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन
वार्षिकोत्सव के अवसर पर हाईटेक सिटी स्कैन मशीन का भी उद्घाटन किया गया। निदेशक ने संस्थान की नई उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां सिकल एनीमिया जैसे जटिल रोगों से लेकर कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हुआ है।
सांसद निशिकांत दुबे का वक्तव्य
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “देवघर एम्स एक सोच थी, जिसका शिलान्यास और उद्घाटन दोनों प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया। आज यह संस्थान ऊंचाइयों को छू रहा है और मरीजों को आधुनिकतम इलाज उपलब्ध करा रहा है।”
राज्यपाल का संदेश
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने संबोधन में देवघर एम्स की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि एम्स देवघर का कैंपस 270 एकड़ में फैला हुआ है, जो देश के सभी एम्स में सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा, “मरीजों की बढ़ती संख्या और देशभर से इलाज के लिए आते लोगों की भीड़ को देखते हुए यह जगह भी आगे चलकर कम पड़ जाएगी। सीमावर्ती राज्यों से भी लोग यहां आकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। यह देवघर और झारखंड दोनों के लिए गर्व की बात है।”
भविष्य की ओर
अतिथियों ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में देवघर एम्स और भी विस्तार करेगा तथा चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूएगा।
देवघर एम्स का यह वार्षिक उत्सव क्षेत्र की चिकित्सा और शैक्षिक उपलब्धियों का प्रतीक बनकर सामने आया है और स्थानीय लोगों के लिए बड़ी उम्मीदों का केंद्र बन चुका है।
