राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधायक कल्पना सोरेन ने बापू की प्रतिमा पर अर्पित किए श्रद्धा-सुमन
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
गांधी जयंती पर झारखंड नमन
रांची, 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पर आज पूरे देश के साथ झारखंड में भी श्रद्धा और आदर के साथ कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं राज्यसभा विधायक कल्पना सोरेन ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर तीनों नेताओं ने गांधी जी के दिखाए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग को जन-जन के जीवन में उतारने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा गांधी जी का जीवन है प्रेरणा स्त्रोत
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। बापू ने हमें सत्य, अहिंसा और समानता का जो मार्ग दिखाया वह न केवल स्वतंत्रता संग्राम को सफल बनाने में सहायक बना, बल्कि आज़ादी के बाद लोकतंत्र को भी मजबूत करने वाली धुरी साबित हुआ।
उन्होंने कहा,महात्मा गांधी का जीवन और विचार हमारे लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। आज जब विश्व में हिंसा और संघर्ष की प्रवृत्ति तेज हो रही है, ऐसे समय में बापू की शिक्षा और सिद्धांत और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।
राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि 
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि गांधी जी ने भारतीय समाज को अहिंसा और एकता की शक्ति का परिचय कराया। उनके विचार आज भी गाँव-गाँव में विकास, स्वच्छता, रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
कल्पना सोरेन का वक्तव्य 
विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि बापू ने महिलाओं की भूमिका को स्वतंत्रता आंदोलन में सशक्त बनाया। आज उनके मार्गदर्शन से हमें सामाजिक न्याय और समानता पर आधारित समाज निर्माण की प्रेरणा मिलती है।
राज्य भर में कार्यक्रम
गांधी जयंती के मौके पर राज्य के स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और सामाजिक संगठनों ने स्वच्छता अभियान चलाया। विभिन्न स्थलों पर प्रभातफेरी, भजन-कीर्तन व संगोष्ठियों का आयोजन हुआ। रांची विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी गांधी जी के जीवन और दर्शन पर व्याख्यान और निबंध प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
बापू की प्रासंगिकता आज भी बरकरार
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में जब जलवायु संकट, सामाजिक असमानता और हिंसा जैसी चुनौतियाँ सामने हैं, तब गांधी जी के विचारों को अपनाकर ही एक स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की परिकल्पना की जा सकती है
