चलती मालगाड़ी से चावल चोरी, 22 बोरे बरामद
रिपोर्ट:रांची डेस्क
चक्रधरपुर रेल मंडल के दंदासाई इलाके में फिर सक्रिय हुआ चावल चोरी गैंग
चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत वेंस्ट केबिन आउटर स्थित दंदासाई इलाके में चलती मालगाड़ी से चावल चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चोरों ने बीती रात मालगाड़ी के एक वैगन का दरवाजा तोड़कर बड़ी मात्रा में चावल की बोरियां नीचे गिरा दीं। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में घटनास्थल से लगभग 22 बोरे चावल बरामद किए गए हैं, जो डाउन रेल लाइन के किनारे बिखरे पड़े मिले।
बोगी का दरवाजा तोड़कर उतारा माल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मालगाड़ी झारसुगुड़ा की ओर जा रही थी, तभी दंदासाई क्षेत्र से गुजरते वक्त अज्ञात चोरों ने वैगन का दरवाजा तोड़ डाला। चोरी के बाद गिराई गई चावल की बोरियां ट्रैक के किनारे दिखाई दीं, जिन्हें स्थानीय लोगों ने सबसे पहले देखा और तुरंत रेलवे अधिकारियों को सूचना दी।
प्रशासन ने जांच शुरू की
सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची और जप्ती कर जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि चोरों ने मालगाड़ी की गति धीमी देखकर सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कुल कितनी मात्रा में चावल चोरी हुई और गिरोह में कितने लोग शामिल थे।
यह धांधली पिछले कितने दिनों से चल रहा है
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीनों में चक्रधरपुर मंडल के विभिन्न स्टेशनों के बीच कई बार मालगाड़ी से चावल और अन्य वस्तुओं की चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही चोरी के बावजूद, चोरों की गिरफ्तारी न होना आरपीएफ की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहा है।
संदिग्ध पर रखा जा रहा है नजर
रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों में नाकेबंदी की गई है और संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, आरपीएफ ने दावा किया है कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि रात के समय इस इलाके में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती, जिसका लाभ उठाकर चोर सक्रिय हो जाते हैं। कई बार गश्त की मांग की गई, लेकिन ठोस कार्रवाई अब भी नहीं दिखी है।
चक्रधरपुर रेल मंडल में बार-बार सामने आ रही ऐसी घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि चावल चोरी का गिरोह एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय हो चुका है, जो रेलवे के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।
