रांची में भाजपा की कार्यशाला: जनजाति गौरव दिवस की तैयारियों पर हुई विस्तृत चर्चा
रिपोर्ट:रांची डेस्क
रांची, 1 नवंबर। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी 15 नवंबर को मनाए जाने वाले जनजाति गौरव दिवस की तैयारियों को लेकर आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू ने किया। इस मौके पर संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। कार्यशाला में प्रदेश भाजपा के विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और जनजातीय गौरव से संबंधित कार्यक्रमों की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
भगवान बिरसामुंडा की जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा
कार्यशाला की जानकारी देते हुए भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने बताया कि इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी पूरे राज्य में 9 से 16 नवंबर तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
शिवशंकर उरांव ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को कार्यक्रमों की रूपरेखा से अवगत कराना और यह सुनिश्चित करना है कि समाज के हर हिस्से तक भगवान बिरसा मुंडा के विचार और योगदान का संदेश पहुंचे। भाजपा के सभी मोर्चे महिला, युवा, किसान, और अनुसूचित जनजाति मोर्चा जनजाति गौरव सप्ताह के अंतर्गत होने वाले आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
गांव गांव जाकर बिरसा मुंडा का संदेश पहुंचाना है
उन्होंने कहा, “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों से प्रेरित होकर हम समाज में जनजागरण के कार्य करेंगे। भाजपा सरकार ने हमेशा जनजातीय समाज के उत्थान के लिए काम किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘जनजाति गौरव दिवस’ उसी भावना का प्रतीक बन गया है।”
कार्यशाला में जिला और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे गांव-गांव जाकर बिरसा मुंडा के जीवन संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं और स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, जनसभा, व श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन करें।
भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने बताया कि 15 नवंबर को राज्यभर में विशेष समारोहों का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय जनजातीय नायकों को सम्मानित किया जाएगा और जनजातीय संस्कृति के संरक्षण पर संगोष्ठियाँ भी आयोजित की जाएंगी।
