मोथा चक्रवात ने किया धान कि फसल को बर्बाद
रिपोर्ट:रांची डेस्क
पूर्वी सिंहभूम जिले में मोंथा चक्रवात के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवाओं और लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसान खासा परेशान हैं। अधिकांश किसानों का कहना है कि इस बार उनकी फसल अच्छी हुई थी, और वे अच्छी आय की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन चक्रवात और उससे होने वाली बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में पानी भर जाने से धान की फसल नीचे से सड़ने लगी है, और कई स्थानों पर धान का कटान भी प्रभावित हुआ है। वहीं, सब्जियों और रबी की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
खेतों में भरा पानी 
एक किसान ने बताया कि दो दिनों तक लगातार बारिश होने से उनके खेत पूरी तरह से पानी से भर गए हैं, जिससे फसल सड़ने लगी है। खेतों में लगे धान के पौधे गिर गए हैं, और नुकसान का आंकलन कर राहत की उम्मीद कर रहे हैं। किसानों की चिंता यह है कि यदि बारिश रुकी नहीं तो उनकी फसलें और भी बर्बाद हो सकती हैं।
हजारों एकड़ में लगी फसल हुआ बर्बाद
क्षेत्रीय रिपोर्टों के अनुसार, इस तूफान का असर जमशेदपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बहुत अधिक दिखाई दे रहा है। हजारों एकड़ में लगी धान और सब्जियों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। किसान अपने खेतों को देखकर दुखी हैं, क्योंकि किसानों की पूरी आजीविका खेती-बाड़ी पर ही निर्भर है। सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग भी उठ रही है, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।
सरकार से मुआवजे की आस
संबंधित खबरों के आधार पर, झारखंड के पूर्वी सिंहभूम और जमशेदपुर जैसे इलाकों में मोंथा तूफान ने व्यापक तबाही मचाई है, और किसानों की चिंता व आर्थिक संकट गहरा गया है। सरकार की ओर से तत्काल राहत और मुआवजे की घोषणा की अपेक्षा किसानों को है।
