महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को बनाया मुख्यमंत्री पद का चेहरा, कांग्रेस ने पटना में किया बड़ा ऐलान
रिपोर्ट रांची डेस्क
अशोक गहलोत ने कहा तेजस्वी का भविष्य उज्ज्वल, जनता देगी पूरा साथ; मुकेश सहनी होंगे डिप्टी सीएम उम्मीदवार
पटना, 24 अक्तूबर महागठबंधन ने आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव पर अपना भरोसा जता दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। इस मौके पर महागठबंधन के सभी 7 घटक दलों के नेता मंच पर मौजूद रहे।
राहुल गांधी कि सहमति
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने इस फैसले पर अपनी सहमति दी है। उन्होंने कहा तेजस्वी यादव में नई पीढ़ी की ऊर्जा है, बिहार का भविष्य इन्हीं के नेतृत्व में सुरक्षित है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। गहलोत ने संकेत दिए कि अन्य सामाजिक वर्गों से भी एक और डिप्टी सीएम तय किया जाएगा ताकि प्रतिनिधित्व सभी को मिले।
तेजस्वी यादव बोले बिहार के लोग बनेंगे असली ‘सीएम (चेंज मेकर)
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के सभी दलों और नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाला बिहार बदलाव देखेगा। उन्होंने कहा हम जनता को साथ लेकर नई दिशा में आगे बढ़ेंगे। बिहार का हर नागरिक चेंज मेकर बनेगा।
तेजस्वी ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा अब वो दौर खत्म हो गया जब फैक्ट्री गुजरात में थी और विक्ट्री बिहार में होती थी। अब बिहार खुद अपने विकास का निर्माण करेगा।
उन्होंने यह भी वादा किया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो जिन परिवारों में कोई सरकारी नौकरी नहीं है, उनमें कम से कम एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी दल मिलकर सरकार बनने के बाद विकास का साझा रोडमैप तैयार करेंगे।
महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग पर ‘फ्रेंडली फाइट’ बरकरार
लंबी बैठकों और बार-बार के समन्वय के बावजूद, महागठबंधन में 12 सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बनी हुई है। इनमें पहले चरण की 6 और दूसरे चरण की 6 सीटें शामिल हैं। नेताओं ने कहा कि इन सीटों पर आपसी सहमति से *दोस्ताना मुकाबला* होगा और मतभेद जल्द सुलझा लिए जाएंगे
राजनीतिक संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह फैसला महागठबंधन में एकता और स्थिरता का संकेत देता है और यह तेजस्वी यादव को मजबूत नेतृत्व के तौर पर पेश करने की रणनीति का हिस्सा है। आने वाले दिनों में सभी दल संयुक्त रैलियों और घोषणाओं के जरिए संयुक्त प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकते हैं।
