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पूर्व आरजेडी नेता और पूर्व सांसद अनिल सहनी भाजपा में हुए शामिल

रिपोर्ट:रांची डेस्क 

पटना, 23 अक्टूबर बिहार की सियासत में एक और राजनीतिक फेरबदल देखने को मिला है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व नेता और राज्यसभा सदस्य रह चुके अनिल सहनी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें पार्टी में शामिल किये जाने की औपचारिक घोषणा भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में की गयी।  

भाजपा ने किया स्वागत 

भाजपा में शामिल होते ही अनिल सहनी ने कहा कि उन्होंने विकास और सुशासन की राजनीति से प्रभावित होकर भाजपा में कदम रखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेतृत्व की नीतियों पर भरोसा जताया और कहा कि वे अब पूरी निष्ठा से भाजपा के सिद्धांतों और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।  

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सहनी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को दरभंगा क्षेत्र में संगठनात्मक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा में हर उस व्यक्ति के लिए स्थान है जो राष्ट्रहित और विकास के एजेंडे पर विश्वास करता है।  

तीन वर्ष पहले सीबीआइ अदालत से दोषसिद्धि  

उल्लेखनीय है कि अनिल सहनी को तीन वर्ष पहले दिल्ली स्थित सीबीआइ की एक विशेष अदालत ने धोखाधड़ी से संबंधित मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला वर्ष 2012 का है, जब वे राज्यसभा सदस्य थे। आरोप था कि उन्होंने सरकारी यात्रा रियायत (एलटीसी) योजना के अंतर्गत जाली हवाई टिकट जमा कर यात्रा किए बिना धनराशि प्राप्त की थी।  

सीबीआइ की जांच के अनुसार अनिल सहनी और कुछ अन्य लोकसभा तथा राज्यसभा सदस्यों पर फर्जी बिलों के माध्यम से यात्रा भत्ता लेने का आरोप लगा था। अदालत ने वर्ष 2022 में इस मामले में सहनी को दोषी करार दिया था, जिसके बाद उनका राजनीतिक करिअर कुछ समय के लिए प्रभावित रहा।  

राजनीतिक विश्लेषण  

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सहनी का भाजपा में शामिल होना न केवल दरभंगा और मिथिलांचल क्षेत्र में पार्टी की स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि इससे राजद के पारंपरिक वोट बैंक पर भी असर पड़ सकता है। दलित समाज से आने वाले अनिल सहनी का भाजपा में आगमन सामाजिक संतुलन साधने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।  

भाजपा सूत्रों के अनुसार जल्द ही अनिल सहनी को संगठन में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है ताकि वे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभा सकें।  

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