महागठबंधन में सीटों पर रस्साकशी बरकरार, 12 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’
1 min read

महागठबंधन में सीटों पर रस्साकशी बरकरार, 12 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’

 

रिपोर्ट:रांची डेस्क 

पटना, अक्टूबर 22 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन ने भले ही साथ मिलकर चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा कर दी हो, परंतु अब तक सीट साझेदारी की संयुक्त घोषणा नहीं हो सकी है। हालात यह हैं कि सभी दलों के अलग-अलग टिकट बंटवारे के बाद 243 सीटों के मुकाबले महागठबंधन ने कुल 255 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। इस तरह गठबंधन के ही अंदर 12 सीटों पर आमने-सामने की लड़ाई की स्थिति बन गयी है। इसे “फ्रेंडली फाइट” बताया जा रहा है।  

 

हालांकि दूसरे चरण के नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए स्थिति में कुछ बदलाव संभव माना जा रहा है। लेकिन अंदरूनी मतभेदों और सीट तालमेल पर असहमति की स्थिति अब भी बनी हुई है।  

राजद–कांग्रेस संवाद ठप, वाम दलों ने भी तय की अपनी राह

सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन के दो बड़े घटक दल राजद और कांग्रेस के बीच संवाद की कड़ी लगभग टूट चुकी है। फिलहाल दोनों ही पक्ष इस बात की प्रतीक्षा में हैं कि पहल कौन करे। इसी बीच राजद ने सॉफ्ट संकेत के तौर पर प्रदेश कांग्रेस सदस्य राजेश राम के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारकर संबंध सुधारने की कोशिश जरूर की है।  

गठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी है। इसमें 

– राजद ने143 सीटों पर  

– कांग्रेस ने 60 सीटों पर  

– वाम दलों ने 33 सीटों पर  

– वीआईपी ने 15 सीटों पर  

– आईआईपी ने 3 सीटों पर  

उम्मीदवार घोषित किए हैं।  

 

इस तरह कुल 255 प्रत्याशी महागठबंधन के बैनर तले चुनावी मैदान में हैं। इनमें से 12 सीटों पर आपसी टकराव बनी हुई है।

राजद ने फिर अपनाया ‘एम-वाई’ फार्मूला

राजद ने एक बार फिर अपने पारंपरिक एम (मुस्लिम)–वाई (यादव) समीकरण को केंद्र में रखते हुए सीट वितरण का फार्मूला अपनाया है। अपने कुल 143 उम्मीदवारों में से  

– 51 यादव  

– 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।  

दोनों वर्गों को मिलाकर यह 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो राजद के मुख्य कैडर वोट बैंक को दर्शाती है। पिछले चुनाव की तुलना में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या लगभग समान रही है।  

कुशवाहा और अन्य वर्गों को भी तवज्जो

राजद ने इस बार कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए 16 सीटों पर कुशवाहा प्रत्याशी उतारे हैं, जो पिछले चुनाव के मुकाबले काफी वृद्धि है। वहीं पार्टी ने ईबीसी वर्ग से भी 16 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।  

इसके अलावा सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश में 

– वैश्य समाज के 8  

– राजपूत समाज के 5  

– भूमिहार समाज के 4  

– ब्राह्मण समाज के 3  

उम्मीदवार शामिल किए गए हैं।  

राजद ने अनुसूचित जाति वर्ग से 19 प्रत्याशियों और आदिवासी वर्ग से 1 प्रत्याशी को टिकट दिया है। दो कुर्मी उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। इस तरह पार्टी ने “ए टू जेड” की अपनी राजनीतिक नीति को फिर से पुष्ट करने की कोशिश की है।

वोट समीकरण पर नजर, अंदरूनी संकट गहराने की आशंका

राजद इस सामाजिक समीकरण के जरिए बिहार के पारंपरिक पिछड़ा-दलित-मुस्लिम गठजोड़ को और मजबूत करना चाहती है, वहीं गठबंधन की सीट साझेदारी को लेकर जारी गतिरोध विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर रहा है।  

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यदि अगले कुछ दिनों में सीट तालमेल का स्पष्ट समाधान नहीं निकल सका, तो “फ्रेंडली फाइट” कई जगह वास्तविक मुकाबले में तब्दील हो सकती है, जिसका लाभ एनडीए गठबंधन को मिल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *