माँ दुर्गा की झाँकियों के संग नृत्य और पर्यावरण संदेश
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
जमशेदपुर, 26 सितम्बर लौहनगरी जमशेदपुर में इन दिनों दुर्गा पूजा का उल्लास चरम पर है। शहर का हर कोना भक्तिमय वातावरण से सराबोर है। इसी क्रम में कासीडीह दुर्गा पूजा पंडाल ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए भक्ति, कला और सामाजिक संदेश का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।
आकर्षक झाँकियाँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
पंडाल में स्थापित माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमा और मनमोहक झाँकियाँ दर्शकों को अपनी ओर खींच रही हैं। इन झाँकियों के साथ माँ काली की नृत्य प्रस्तुति, श्रीराम के उद्घोष और बच्चों के शानदार डांस ने वातावरण को और भी जीवंत बना दिया। श्रद्धालु भक्ति और कला के इस अद्वितीय मिलन को देखकर मंत्रमुग्ध हो उठे।
पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश
कार्यक्रम के दौरान केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि समाजिक सरोकार का भी ध्यान रखा गया। कलाकारों ने गीत और नृत्य के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण की चुनौतियों को रेखांकित करते हुए लोगों से प्रकृति की रक्षा करने की अपील की। प्रस्तुति का केंद्रीय संदेश यही रहा कि “धर्म के साथ-साथ धरती की सेवा भी अनिवार्य है।”
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
पंडाल परिसर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। हर कोई माँ दुर्गा की सुंदर प्रतिमा और प्रस्तुतियों के नज़ारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करता नजर आया। श्रद्धालुओं ने आयोजन समिति की इस रचनात्मक पहल की खुलकर सराहना की, जिसमें भक्ति के साथ सामाजिक चेतना का भी समावेश किया गया।
आयोजकों की पहल
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को केवल धार्मिक आस्था से जोड़ना ही नहीं, बल्कि उन्हें समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार भी बनाना है। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह भक्ति और जनजागरूकता की झलक साथ देने का संकल्प व्यक्त किया।
