विशाखापट्टनम में फंसे झारखंड के 13 मजदूर सुरक्षित लौटे  
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विशाखापट्टनम में फंसे झारखंड के 13 मजदूर सुरक्षित लौटे  

 

रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••

मंत्री योगेंद्र महतो की पहल से मिली राहत, बोकारो के कसमार प्रखंड के सभी मजदूर पहुंचे अपने गांव

रांची: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फैक्ट्री में फंसे झारखंड के 13 मजदूर अंततः आज सकुशल रांची लौट आए। इन मजदूरों की वापसी झारखंड के श्रम मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो की पहल पर संभव हो सकी। सभी मजदूर बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के निवासी हैं।  

दलालों के माध्यम से गएथे बाहर काम करने 

जानकारी के अनुसार, ये सभी मजदूर दलालों के माध्यम से काम की तलाश में विशाखापट्टनम पहुंचे थे। वहां एक फैक्ट्री में काम दिलाने के नाम पर इन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। मजदूरों का फोन छीन लिया गया ताकि वे अपने परिजनों या किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क न कर पाएं। मजदूरों ने किसी तरह काफी मशक्कत के बाद अपने परिवार वालों से संपर्क साधा और पूरी आपबीती सुनाई।  

परिवारों नेदी मंत्री को जानकारी

परिवारजनों ने तुरंत इसकी जानकारी मंत्री योगेंद्र महतो तक पहुंचाई। मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल श्रम विभाग और प्रशासन को सक्रिय किया। तेज प्रयासों के बाद सभी मजदूरों को फैक्ट्री से मुक्त कर रांची लाने की व्यवस्था की गई।

शोषण का सामना करना पड़ा 

आज सुबह सभी मजदूर रांची पहुंचे। यहां मंत्री योगेंद्र महतो स्वयं मौजूद रहे और मजदूरों को सुरक्षित बसों से उनके गांव तक भेजने का कार्य किया। मजदूरों ने बताया कि उन्हें फैक्ट्री में घोर शोषण का सामना करना पड़ा। मजबूरी में कम वेतन, मानसिक और शारीरिक दबाव के बीच काम करना पड़ता था। 

मंत्री योगेंद्र महतो ने कहा झारखंड का कोई भी मजदूर जहां भी संकट में होगा, हम उसे वापस लाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी है।

गांव लौटते समय मजदूरों के परिवारजन भावुक हो उठे और मंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते पहल न की जाती तो शायद उनकी स्थिति और खराब हो सकती थी।  

दलालों पर कार्रवाई की तैयारी  

श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और जिन दलालों ने मजदूरों को फंसाकर विशाखापट्टनम भेजा था, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सरकार ने अन्य मजदूरों को भी सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि सिर्फ पंजीकृत एजेंसी या प्रदेश सरकार की योजनाओं के तहत ही बाहर काम करने जाएं।  

 

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