सियाचिन में शहीद हुए वीर पुत्र का पार्थिव शरीर कल पहुंचेगा पैतृक गांव कजरा
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
देवघर (झारखंड) : देश की सरहद पर कर्तव्य निभाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए देवघर निवासी शहीद नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर गुरुवार को पैतृक गांव कजरा पहुंचेगा। वीर जवान नीरज चौधरी ने सियाचिन के कठिनतम परिस्थितियों में देश की सेवा करते हुए प्राणों की आहुति दी। शहीद की शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम का माहौल है। घर से लेकर गांव तक हर आंख नम है और चौधरी परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
अग्निवीर योजना के तहत हुए थे भर्ती
नीरज चौधरी ने वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होकर ‘अग्निवीर’ के रूप में फौज की सेवा शुरू की थी। महज तीन वर्षों में ही वह देश की रक्षा में सियाचिन की बर्फीली चौकियों पर अपनी ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। कठिन भू-भाग और दुर्गम मौसम में तैनात रहते हुए अंत तक डटे रहने का जज्बा नीरज की बहादुरी को उजागर करता है।
परिवार व ग्रामीणों का दर्द
नीरज चौधरी के घर पर उनके माता-पिता, दादा और चाचा सहित अन्य परिजन बेसुध हैं। हर कोई गम के भावों में डूबा है। उनके चाचा संतोष चौधरी ने बताया कि नीरज बचपन से ही फौज में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उसे पाला और बड़ा किया। आज मुझे बहुत दुख है पर गर्व भी है कि वह देश के लिए शहीद हुआ।”उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि हमारे परंपरा के अनुसार अभी उसे जेनउ भी नहीं पड़ा था, ना हीं उसकी शादी हुई थी परिजनों ने कहा कि तीन दिनों से परिवार से उनकी कोई संपर्क नहीं हो पाया था, क्योंकि सियाचिन में नेटवर्क की गंभीर समस्या रहती थी। कभी-कभी सिर्फ 10-15 मिनट ही बात हो पाती थी।
गांव में शोक के बीच इंतज़ार
शहीद नीरज चौधरी के घर और गांव में लगातार लोगों की भीड़ जुट रही है। हर कोई एक झलक पाने और परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहा है। गांव के लोग कह रहे हैं कि नीरज की शहादत ने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है, लेकिन बेटे को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता हमने तो एक अनमोल रतन खोय है
सम्मान के साथ अंतिम विदाई की तैयारी
शहीद के पार्थिव शरीर को सेना और प्रशासनिक सम्मान के साथ देवघर लाया जाएगा। कल जब उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव कजरा पहुंचेगा, तो पूरे क्षेत्र में जनसैलाब उमड़ने की संभावना है।
