मंईयां सम्मान योजना महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की हजारों महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से महिलाएं स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर बढ़ रही हैं। योजना से जुड़ी महिलाएं विभिन्न आजीविका कार्यों जैसे कि स्कूटी खरीदना, बकरी पालन, मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन, और अन्य छोटे व्यवसाय शुरू कर अपने परिवार का आर्थिक स्तर मजबूत कर रही हैं।
मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। राज्य सरकार द्वारा हर माह ₹2500 की सम्मान राशि प्रदान की जाती है, जिसे महिलाएं न केवल अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में उपयोग कर रही हैं, बल्कि इस राशि का बड़ा भाग स्वरोजगार या बिजनेस शुरू करने में निवेश कर रही हैं। इसे लेकर स्व सहायता समूह से जुड़ी लगभग 25 लाख से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। सरकार भी अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराती है ताकि महिलाएं और अधिक मजबूत बन सकें।
महिलाओं द्वारा शुरू किए गए

स्कूटी खरीदना: कुछ महिलाएं इस राशि से स्कूटी खरीद कर शहर-गांव के बीच आवागमन बढ़ाकर छोटे व्यवसाय या सेवाएं प्रदान करने लगी हैं।
बकरी पालन: झारखंड के कई भागों में महिलाएं बकरी पालन कर रही हैं, जिससे घर की आय में वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, रांची जिले के रातू प्रखंड की सीमा उराइन नामक महिला ने बकरी पालन से आय बढ़ाई है।
मुर्गी पालन एवं अंडा उत्पादन: लगभग 6800 महिलाओं को चूजों का वितरण किया गया है, जिससे वे अंडा उत्पादन और मुर्गी पालन में जुटी हैं।
अन्य स्वरोजगार: महिलाएं ड्रिप इरिगेशन, खेती और छोटे व्यवसाय भी प्रारंभ कर रही हैं।
जिला प्रशासन की भूमिका

झारखंड के जिला प्रशासन ने इस योजना के जरिए लाभार्थी महिलाओं को प्रशिक्षण, चूजा, बतख, बकरी वितरण जैसे सहायता कार्यक्रम शुरू किए हैं ताकि महिलाएं इन आजीविका माध्यमों से आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। उपायुक्त द्वारा इसकी मॉनिटरिंग और लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिये गए हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
आत्मनिर्भर और उद्यमी बना रही है मंईयां सम्मान
मंईयां सम्मान योजना झारखंड की महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता नहीं दे रही बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर उद्यमी बनाने में भी सफल हो रही है। इसके तहत बकरी पालन, मुर्गी पालन, स्कूटी खरीद, खेती और छोटे व्यवसायों के माध्यम से हजारों महिलाएं अपने जीवन को बेहतर बना रही हैं तथा राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
