सोशल मीडिया पर कल्पना सोरेन के खिलाफ किया गया अभद्र टिप्पणी
रिपोर्ट:- रांची डेस्क••••
रांची,सोशल मीडिया पर राजनीतिक हस्तियों और परिवारजनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला झारखंड से जुड़ा है, जहाँ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी ने सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।
क्या है मामला
सूत्रों के अनुसार, राजू उरांव नामक युवक ने फेसबुक/सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कल्पना सोरेन को लेकर अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से आहत होकर उनके समर्थकों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजू उरांव के खिलाफ आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
राजू ने क्यों की ऐसी अभद्र टिप्पणी?
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी ने राजनीतिक कारणों से आक्रोशवश और आपसी बहस के दौरान टिप्पणी की। अधिकारी मानते हैं कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक विरोध अक्सर व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर उतर जाता है, जो कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
यह पहली बार नही है

ऐसा मामला बिहार से भी आया था, जहाँ पिछले महीने वोट अधिकार रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी को अपमानजनक शब्दों में संबोधित किया गया था। तब भी उस आरोपी पर मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई थी।
गाली-गलौज और अभद्र टिप्पणी:
आज का बड़ा सामाजिक संकट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर असहमति व्यक्त करने का तरीका अब अक्सर गाली-गलौज और निजी हमलों में बदल जाता है।
यह नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता किसी के सम्मान को ठेस पहुँचाने या अपमानित करने की अनुमति नहीं देती।
यही वजह है कि विभिन्न न्यायालय भी बार-बार यह टिप्पणी कर चुके हैं कि “आलोचना और गाली गलौज में फर्क है।”
क्या कहता है कानून?
आईपीसी की धारा 294: किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अश्लील भाषा या गाली-गलौज करना दंडनीय अपराध।
आईपीसी की धारा 500 (मानहानि): किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने पर मामला दर्ज हो सकता है।
आईटी एक्ट की धारा 67: इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना अपराध। इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं।
क्या होगा राजू उरांव को
पुलिस का कहना है कि आरोपी राजू उरांव को हिरासत में लिया जाएगा और पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा। यदि दोष साबित होता है तो उसे जेल भी हो सकती है। साथ ही, यह मामला समाज को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संयम और शालीनता बनाए रखने का संदेश भी देता है।
सोशल मीडिया एक सशक्त मंच है, लेकिन अपशब्द और अभद्र टिप्पणियाँ किसी भी तरह जायज नहीं ठहराई जा सकतीं। चाहे मामला कल्पना सोरेन का हो या प्रधानमंत्री मोदी की माता जी का गाली-गलौज और अपमानजनक शब्दावली अब सीधे तौर पर कानून के दायरे में आ चुकी है। समाज और राजनीति दोनों के लिए यह एक बड़ी चेतावनी है कि असहमति अभद्रता नहीं होनी चाहिए
