
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन
रिपोर्ट:- रांची डेस्क •••••••
रामदास सोरेन झारखंड के एक वरिष्ठ राजनेता और JMM के प्रमुख नेताओं में से थे। वे घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और राज्य सरकार में शिक्षा, राजस्व, पंजीकरण एवं भूमि सुधार विभागों के मंत्री थे। उन्होंने 44 वर्षों तक राजनीतिक जीवन बिताया और ग्राम प्रधान से शुरू होकर कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय किया। उनका व्यक्तित्व सरल, सहज और सामाजिक सरोकारों से पूर्ण था, और वे आम जनता के बीच बहुत लोकप्रिय थे। झारखंड आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। जिसके कारण बॉडी वारंट भी उनके खिलाफ जारी हुआ था क्योंकि उन्होंने लंबे समय तक क्षेत्र की सेवा की थी।
* जब वह बाथरूम में गिरे
रामदास सोरेन की बीमारी ब्रेन हैमरेज थी, जो 2 अगस्त 2025 को उनके जमशेदपुर स्थित घर में बाथरूम में गिरने के बाद हुई। इसके बाद उनका इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा था, जहां 15 अगस्त 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
* दिवंगत रामदास सोरेन की अंतिम यात्रा
उनकी अंतिम यात्रा राज्य स्तर का राजकीय सम्मान के साथ रांची की बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से शुरू हुई, वहां से उनका पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर घाटशिला के लिए रवाना हुआ और अंतिम संस्कार तथा अस्थि विसर्जन परंपरागत आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया। इस अंतिम यात्रा में झारखंड के कई मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
* रामदास सोरेन का श्राध्द मे
29 अगस्त 2025 को उनके अस्थि विसर्जन और श्राद्ध भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित होंगे
* रामदास सोरेन का राजनीतिक सफर
1980 में झामुमो से जुड़े, पंचायत सचिव के पद से शुरूआत की।
44 वर्ष के राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
2009 व 2014 में घाटशिला से विधायक चुने गए।
2024 में कैबिनेट मंत्री बने, फिर दोबारा जनवरी 2025 में मंत्री बने।
* उनका स्वभाव और छवि
सरल, सहज, सामाजिक व्यक्तित्व था
जनता के करीब, आम लोगों की समस्याओं को समझने वाले।
आदिवासी समाज के एक मजबूत नेतृत्वकर्ता।
* बीमारी और निधन
2 अगस्त 2025 को बाथरूम में गिरने के बाद ब्रेन हैमरेज हुआ।
टाटा मोटर्स अस्पताल से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती।
15 अगस्त 2025 को 62 वर्ष की आयु में निधन।
* अंतिम यात्रा
रांची एयरपोर्ट से राजकीय सम्मान सहित विधानसभा परिसर पहुंचाया गया।
मंत्री, विधायक, समत कई राजनीतिक एवं सामाजिक नेता शामिल हुए।
घाटशिला में पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार व अस्थि विसर्जन।
रामदास सोरेन की 12वीं पुण्यतिथि पर उनके योगदान को याद किया जाएगा। उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन की चर्चा होगी, जिसमें उनकी शिक्षा व्यवस्था सुधार के लिए की गई मेहनत, आदिवासी समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और झारखंड की राजनीति में उनका स्थान विशेष रहेगा