लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ राजकीय महोत्सव 2025 का हुआ पारंपरिक शुभारंभ, “लुगुबाबा की जय” के जयघोष से गूंजा पर्वतीय क्षेत्र
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लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ राजकीय महोत्सव 2025 का हुआ पारंपरिक शुभारंभ, “लुगुबाबा की जय” के जयघोष से गूंजा पर्वतीय क्षेत्र

रिपोर्ट:रांची डेस्क 

दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लुगु पहाड़ पर किए दर्शन, आदिवासी अस्मिता और लोक संस्कृति का हुआ भव्य उत्सव

ललपनिया (बोकारो) प्रकृति की गोद में बसे झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के ललपनिया स्थित पवित्र स्थल लुगुबुरू घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ में रविवार को राजकीय लुगुबुरू महोत्सव 2025 का शुभारंभ पारंपरिक विधि-विधान और भक्तिमय माहौल में किया गया।भोर से ही पूरे क्षेत्र में “जय लुगुबाबा” के जयघोष और मांदर की गूंजती थापों से वातावरण आध्यात्मिक आस्था में डूब गया।

पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ हुई शुरुआत

महोत्सव का शुभारंभ उपायुक्त (डीसी) अजय नाथ झा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरविंदर सिंह, नायके बाबा, आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री बबली सोरेन तथा अन्य पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर किया।तीन दिवसीय यह महोत्सव श्रद्धा, भक्ति और झारखंडी अस्मिता का संगम बन गया है।

श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब

पहले ही दिन लुगुबुरू पहाड़ पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सूर्योदय के साथ ही पारंपरिक साज-सज्जा में सजे भक्त गीत-संगीत और मांदर की थाप पर झूमते हुए आस्था की राह पर बढ़ते दिखाई दिए।

श्रद्धालुओं ने कहा

लुगुबाबा हमारे पुरखों की आत्मा हैं, हमारी धरती और धर्म के रक्षक। यहां आकर मन को शांति और आत्मा को शक्ति मिलती है।झारखंडी संस्कृति का जीवंत उत्सव लुगुबुरू महोत्सव केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि यह आदिवासी अस्मिता, लोक संस्कृति और सामूहिक एकता का अद्भुत प्रतीक है।

यहां सांताली, हो, मुंडा, उरांव सहित विभिन्न जनजातीय समुदायों के लोग अपने पारंपरिक परिधानों में नृत्य, गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी समृद्ध विरासत की झलक दिखा रहे हैं।पूरे परिसर में रंग-बिरंगे झंडे, पारंपरिक झोपड़ीनुमा टेंट और सजावट ने पर्व को आकर्षक रूप दे दिया है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए की गई व्यवस्थाएँ

• प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु कई आधुनिक और पारंपरिक इंतजाम किए गए हैं टेंट सिटी में आवास व विश्राम की व्यवस्था

• बोकारो स्टील सिटी व गोमिया रेलवे स्टेशन से नि:शुल्क बस सेवा

• खिचड़ी सेवा, साफ-सुथरा पेयजल, प्रकाश व्यवस्था और सजावट

• सूचना व सहायता केंद्र, स्वास्थ्य शिविर और स्वच्छता टीम लगातार सक्रिय

डीसी ने की जिले की सुख-शांति की कामना

इस अवसर पर उपायुक्त अजय नाथ झा ने पूजा-अर्चना के बाद कहालुगुबुरू महोत्सव हमारी संस्कृति, एकता और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व न केवल बोकारो बल्कि पूरे झारखंड की अस्मिता को सशक्त करता है।हम सभी मिलकर जिले में सांस्कृतिक एकता, सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

सुरक्षा और व्यवस्था में प्रशासन सतर्क

महोत्सव स्थल पर पुलिस बलों की विशेष तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, अग्निशमन दल, और आपातकालीन चिकित्सा दल लगातार ड्यूटी पर हैं।भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में घोषणा वाहन और वॉलेंटियर्स श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

 

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