घाटशिला उपचुनाव सोरेन बनाम सोरेन कांटे की टक्कर मे चल रही है 
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घाटशिला उपचुनाव सोरेन बनाम सोरेन कांटे की टक्कर मे चल रही है 

 

रिपोर्ट:रांची डेस्क 

झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने पुत्र तथा भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के पक्ष में विभिन्न पंचायत और गाँवों का व्यापक दौरा किया है। उन्होंने ग्रामीणों, पंचायत प्रमुखों और नागरिकों से सीधे संवाद कर भाजपा उम्मीदवार का समर्थन देने की अपील की है। चंपई सोरेन का प्रचार अभियान पंचायत स्तर पर लगातार तेज हो रहा है, जिसमें वे आदिवासी समाज के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना भी कर रहे हैं

घाटसिला के चुनावी रण का विशेष समाचार

घाटशिला विधानसभा का उपचुनाव इस बार ‘सोरेन बनाम सोरेन’ के मुकाबले की वजह से राज्य के सबसे हाई-वोल्टेज चुनावों में शामिल हो गया है। दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से खाली हुई इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने उनके पुत्र सोमेश सोरेन को प्रत्याशी बनाया है, वहीं भाजपा ने चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है

● चंपई सोरेन अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान मुसाबनी, ऊपरबांधा, बड़ाघाट, तिलाबनी, सबर टोला आदि क्षेत्रों के ग्राम प्रधानों तथा ग्रामीणों से मिले और खासकर आदिवासी समुदाय के लिए वर्तमान सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए

● ग्रामीण सभाओं में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही, जहां मंईयां सम्मान योजना जैसी राज्य सरकार की योजनाओं की विफलता पर चर्चा की गई और स्थानीय समस्याओं को केंद्र में रखा गया। चंपई सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी समाज के मन और सम्मान की रक्षा करने में नाकाम रही है

 

● चंपई सोरेन ने अपने पुत्र के लिए मतदान की अपील करते हुए कहा, ‘यह चुनाव सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान की लड़ाई है। भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन गाँव-गाँव में जाकर लोगों से समर्थन मांग रहे हैं और चंपई सोरेन भी उनके साथ रहकर अपने पुराने समर्थकों को जोड़ने की लगातार कोशिश कर रहे हैं’

राजनीतिक समीकरण और चुनावी माहौल

● घाटशिला सीट पर लगभग 2.55 लाख मतदाता हैं, जिनमें 45% से अधिक आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। गाँवों में लगातार सभाएं की जा रही हैं और सामाजिक समीकरणों का संतुलन चुनाव परिणाम को प्रभावित करेगा

● पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को रामदास सोरेन ने 22,000 से अधिक वोटों से हराया था, लेकिन इस उपचुनाव में समीकरण बदल चुके हैं। भाजपा के शीर्ष नेता और स्टार प्रचारक क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं

● झामुमो को सीपीएम जैसे दलों का समर्थन मिला है, जिससे चुनावी मुकाबला और रोचक हो गया है

इस प्रकार घाटशिला विधानसभा उपचुनाव जिला एवं पंचायत स्तर पर व्यापक चर्चा और राजनीतिक सक्रियता का केंद्र बना हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सक्रियता ने भाजपा की ओर जनसमर्थन बढ़ाने की कोशिश तेज कर दी है। अब सभी की निगाहें 11 नवंबर को होने वाले मतदान पर टिकी हैं

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