जमशेदपुर में दीपावली की रौनक बढ़ी फैंसी और मेहंदी दीयों की मांग चरम पर
रिपोर्ट:रांची डेस्क
जमशेदपुर, 15 अक्तूबरदीपावली के पर्व से पहले ही जमशेदपुर शहर में बाजारों की रौनक देखने लायक है। दुकानों पर रोशनी की चमक और खरीदारों की भीड़ ने माहौल को त्योहारमय बना दिया है। इस बार खास आकर्षण है — **फैंसी और मेहंदी डिजाइन वाले दीए**, जिनकी मांग पारंपरिक मिट्टी के दीयों से कहीं अधिक बढ़ गई है।
पिछले वर्षों में जहां लोग सामान्य मिट्टी के दीयों से अपने घरों को सजाते थे, वहीं इस बार बाजारों में रंग-बिरंगे और डिजाइनों से सजे फैंसी दीए ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। इन दीयों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन्हें हस्तनिर्मित रूप से पश्चिम बंगाल के कुशल कुम्हारों ने तैयार किया है। कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों से कारीगरों द्वारा बनाए गए ये दीए अब जमशेदपुर के हर बाजार में अपनी चमक बिखेर रहे हैं।
कीमत में विविधता, आकर्षण में नहीं कमी
फैंसी दीयों की कीमत 20 रुपये से शुरू होकर 150 रुपये तक पहुंच रही है। हालांकि ये साधारण मिट्टी के दीयों से महंगे हैं, मगर उनकी सुंदरता और कलात्मक डिजाइन देखकर ग्राहक कीमत की परवाह कम करते हैं। दुकानदारों का कहना है कि हर तरह के फैंसी दीए ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं कुछ पर मेहंदी जैसे बारीक पैटर्न उकेरे गए हैं, तो कुछ में गोल्डन वर्क और रंगीन कांच की सजावट की गई है।
ग्राहकों की उमंग और दुकानदारों की तैयारी
बिष्टुपुर, साकची और कदमा जैसे इलाकों के बाजारों में दीयों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि इस बार उन्होंने पहले से ही बंगाल से बड़ी मात्रा में स्टॉक मंगवाया है क्योंकि पिछले साल कई ग्राहकों को देर से आने पर मनपसंद डिजाइन नहीं मिल पाई थी।
साकची बाजार के दुकानदार राजेश अग्रवाल बताते हैं, “ग्राहक आजकल सजावटी दीयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। मेहंदी स्टाइल दीये और फ्लावर डिज़ाइन दीये सबसे ज्यादा बिक रहे हैं। यह न सिर्फ घरों को रोशन करता है बल्कि सजावट में भी आधुनिकता का स्पर्श लाता है।”
बंगाल के कुम्हारों की कला बिखेर रही चमक
बंगाल के कारीगरों ने परंपरा और कला का ऐसा संगम किया है कि मिट्टी के साधारण दीए भी आधुनिक रूप में निखर गए हैं। कोलकाता की कुम्हारटोली और हावड़ा के इलाके से आने वाले कई कारीगरों ने बताया कि वे हर साल दीपावली से करीब एक माह पहले ही जमशेदपुर में अपने उत्पाद भेजना शुरू कर देते हैं। उनका कहना है कि “जमशेदपुर का बाजार सबसे अच्छा रेस्पॉन्स देता है, यहां लोग कला को समझते हैं।”
जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, शहर की गलियां रोशनी में नहा रही हैं और हर घर में सजावट की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में फैंसी और मेहंदी दीयों की यह नई लहर न केवल कुम्हारों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है बल्कि शहर की दीपावली को और भी रंगीन बना रही
