झमाझम बारिश के बीच रांची मोरहाबादी में भव्य रावण दहन  
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झमाझम बारिश के बीच रांची मोरहाबादी में भव्य रावण दहन  

रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया रावण वध, हजारों श्रद्धालु बने साक्षी 

रांची : झारखंड की राजधानी रांची का ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान गुरुवार की शाम विजयादशमी के अवसर पर असाधारण उत्साह और उमंग का गवाह बना। झमाझम बारिश के बावजूद मैदान में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जहां परंपरा के अनुसार रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया।  

परंपरा के अनुसार दहन की क्रमवार शुरुआत  

कार्यक्रम का आगाज रांची के वरिष्ठ विधायक सी.पी. सिंह ने किया। उन्होंने सबसे पहले मेघनाथ के पुतले का दहन कर दशहरा उत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मंच संभालते हुए कुंभकरण के पुतले को अग्नि के हवाले किया।  

 

मुख्य आकर्षण का क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर पहुंचे और परंपरा को निभाते हुए विशालकाय रावण के पुतले का वध किया। जैसे ही रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा, मैदान में जयकारों की गूंज उठी और दर्शकों के चेहरे पर उल्लास उमड़ पड़ा।  

बारिश में भी नहीं थमा उत्साह 

कार्यक्रम के दौरान रातभर होती बरसात ने भी लोगों के जोश को कम नहीं किया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई गीले मैदान में खड़े होकर अद्भुत नज़ारा देखने के लिए डटा रहा। स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य इलाकों से पहुंचे श्रद्धालु भी इस आयोजन में शामिल हुए।

आतिशबाज़ी बनी मुख्य आकर्षण 

जैसे ही अंधेरा छाया, रांची का आसमान रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी से जगमगा उठा। आसमान में चमकते पटाखों की गूंज और रौशनी ने पूरे माहौल को रोशन कर दिया। बच्चों ने हाथों में छोटे-छोटे पटाखे जलाकर उत्सव का आनंद लिया, वहीं मैदान में मौजूद हजारों लोगों ने इस दृश्य का रोमांचकारी अनुभव किया।  

सुरक्षा और व्यवस्था  

इस अवसर पर प्रशासन की ओर से पुख्ता सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे। पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की टीमों ने पूरे मैदान में मुस्तैदी से निगरानी रखी। स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमें भी मौके पर तैनात रहीं ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।  

विजयादशमी का संदेश  

इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर बुराई पर अच्छाई की विजय का ऐतिहासिक संदेश पूरे समाज को दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दशहरा हमें यह याद दिलाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अंततः जीत सच्चाई की ही होती है।  

 

झमाझम बारिश और ठंडी हवाओं के बीच भी रांची का मोरहाबादी मैदान रंगीन आतिशबाजी, जयकारों और लोकगीतों से देर रात तक गूंजता रहा। यह भव्य दृश्य राजधानीवासियों की स्मृतियों में लंबे समय तक ताज़ा रहेगा।

 

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