रांची के झारखंड सशस्त्र पुलिस परीसर में कलश स्थापना 
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रांची के झारखंड सशस्त्र पुलिस परीसर में कलश स्थापना 

 

रिपोर्ट:-रांची डेस्क•••••• 

1880 से चली आ रही है परम्परा

रांची स्थित झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप-1) परिसर में नवरात्र की शुरुआत विशेष परंपरा और पूरे धार्मिक उत्साह के साथ हुई। नवरात्र के पहले दिन जैप-1 में विधिवत कलश स्थापना की गई और पूरे सैनिक सम्मान के साथ मां दुर्गा का आह्वान किया गया। इस अवसर पर जैप के जवानों ने परंपरा अनुसार हथियारों से फायरिंग कर मां को सलामी दी, जिससे पूरा परिसर श्रद्धा और भक्ति से गूंज उठा।

145 वर्षों से जारी परंपरा

जैप-1 में मां दुर्गा की आराधना की यह अनोखी परंपरा वर्ष 1880 से लगातार चली आ रही है। यहां खास बात यह है कि मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना नहीं की जाती, बल्कि केवल कलश के माध्यम से देवी शक्ति का आह्वान होता है। परंपरा के तहत कलश स्थापना के बाद हथियारों से फायरिंग कर मां को सम्मान दिया जाता है। मां को शक्ति की देवी माना गया है, इसलिए यहां शस्त्रों के माध्यम से श्रद्धा अर्पित करने की परंपरा आज तक कायम है।महिलाओं की विशेष भूमिकापूरे नवरात्र के दौरान जैप की महिला कर्मी और श्रद्धालु दुर्गा सप्तशती का अखंड पाठ करेंगी। इसके साथ ही वे पूरे नौ दिन उपवास रखेंगी और परिसर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित रहेगी। इस धार्मिक आयोजन में महिलाओं का विशेष उत्साह देखा जा रहा है। उनका कहना है कि जैप-1 की पूजा, अन्य स्थानों की तुलना में विशिष्ट है क्योंकि यहां मूर्ति की जगह कलश की पूजा होती है।परिसर में भक्ति का वातावरणकलश स्थापना के साथ ही जैप का पूरा परिसर भक्तिमय हो उठा। जहां एक ओर शस्त्रों की सलामी मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक बनी, वहीं दूसरी ओर सप्तशती पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। अधिकारी और जवान, दोनों मिलकर इस परंपरा को हर वर्ष श्रद्धा और गौरव के साथ निभाते हैं।यह परंपरा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शौर्य और आस्था का अद्भुत संगम है, जो झारखंड सशस्त्र पुलिस की पहचान बन चुकी है।

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