आज देश भर में नवरात्रि की शुरुआत और कलश यात्रा एवं शैलपुत्रीक पूजा
रिपोर्ट:-रांची डेस्क••••••
नवरात्रि की शुरुआत देशभर में विधि-विधान से कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना से हुई। रांची में भी पूजा पंडालों और घरों में कलश स्थापना का शुभ आयोजन किया गया तथा मां शैलपुत्री की पूजा विधिपूर्वक सम्पन्न हुई।
देश में शारदीय नवरात्र 22 सितंबर 2025 को शुरू हुआ, जो मां दुर्गा के नौ दिन तक चलने वाले पावन पर्व का प्रतीक है। इस दिन सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त था। इस दौरान भक्त अपने घरों, मंदिरों और पूजा स्थानों पर कलश स्थापित करते हैं, जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा का पहला स्वरूप हैं और नवरात्रि के प्रथम दिन पूजा की जाती है।
कलश स्थापना की सामग्री
कलश स्थापना के लिए मिट्टी या तांबे के पात्र में हल्दी, सुपारी, दूर्वा, अक्षत, सिक्का, और पांच प्रकार के पत्ते रखकर कलश सजाया जाता है। कलश के ऊपर लाल चुनरी और नारियल रखा जाता है, साथ ही कलश के पानी में गंगाजल एवं अन्य शुभ वस्तुएं डाली जाती हैं। इसके साथ ही जौ बोकर एक वेदी बनायी जाती है। पूजा के दौरान धन, सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की कामना की जाती है। गुरु मंत्रों का जाप और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया जाता है।
शैलपुत्री की पूजा
रांची में भी कलश स्थापना और शैलपुत्री पूजा की गई। घरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री को अर्घ्य और फूलवाहन से पूजा अर्चना की, जिससे नवरात्रि के पावन पर्व का शुभारंभ हुआ। मां शैलपुत्री बुद्धि, ज्ञान और शक्ति की देवी मानी जाती हैं और उनकी पूजा से जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
आज से नवरात्रि के आराधना शरू
नवरात्रि के इस आरंभिक दिन की पूजा से मां दुर्गा की आराधना प्रारंभ हो जाती है और अगले नौ दिनों तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। यह पर्व शुभता, शक्ति और धार्मिकता का प्रतीक है, जो समाज में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।
इस प्रकार, कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा के साथ रांची सहित पूरे देश में नवरात्रि पर्व का धूमधाम से और श्रद्धा के साथ आरंभ हुआ है। सभी लोग मां दुर्गा से सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना कर नवरात्रि के उत्सव में भाग ले रहे हैं
