पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की मौजूदगी में आदिवासी महिलाओं ने मनाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन
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पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की मौजूदगी में आदिवासी महिलाओं ने मनाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन

 

रिपोर्ट:-रची डेस्क••••••

सरायकेला। टाउन हॉल सरायकेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन आदिवासी समाज ने बड़े उत्साह और सांस्कृतिक माहौल में मनाया। आदिवासी सांवता सुशार अखाड़ा की महिला समिति की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों आदिवासी महिलाएं और बच्चों की उपस्थिति रही। मंच पर रंग-बिरंगी पारंपरिक वेशभूषा, गीत और नृत्य ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।

बच्चियों ने काटा केक, गूंजे जयकारे

इस मौके पर उपस्थित बच्चियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन का केक काटकर अपनी खुशियां साझा कीं। उनके साथ महिलाओं ने भी मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए नारों और गीतों के जरिए प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं दीं।

चंपाई सोरेन का संबोधन

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदिवासी समाज का सबसे बड़ा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में मोदी सरकार ने आदिवासियों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

सोरेन ने अपने संबोधन में कहा

जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत कर आदिवासी नायकों को राष्ट्रीय पटल पर सम्मान दिलाना। शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं का दायरा बढ़ाकर आदिवासी युवाओं को अवसर देना। वन अधिकार कानून और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर आदिवासियों को प्राथमिकता देना। गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना।

आदिवासी महिलाओं की सराहना

चंपाई सोरेन ने महिला समिति के प्रयासों की भी जमकर सराहना की और कहा कि सामाजिक एकजुटता के साथ जब महिलाएं किसी अभियान या आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाती हैं, तो उसका असर पीढ़ियों तक पड़ता है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की स्वीकृति और आशीर्वाद बताया।

सांस्कृतिक रंग और आदिवासी गर्व

कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों ने पारंपरिक ढोल-नगाड़े और नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को जीवंत बना दिया। मंच पर महिलाएं और बच्चे मोदी सरकार की योजनाओं को गीतों में पिरोकर प्रस्तुत कर रहे थे।

आदिवासी महिलाओं ने पहली बार मनाया मोदी का जन्मदिन

महिला समिति के सदस्यों ने बताया कि पहली बार सरायकेला की धरती पर इतने बड़े पैमाने पर आदिवासी समाज ने पीएम मोदी का जन्मदिन मनाया। उनका मानना था कि यह आयोजन सिर्फ जन्मदिन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आदिवासी और मुख्यधारा समाज के बीच साझा विकास और भागीदारी का प्रतीक है।

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