झारखंड में पोक्सो एक्ट के तहत 7 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में आरोपी को सज़ा
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झारखंड में पोक्सो एक्ट के तहत 7 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में आरोपी को सज़ा

 

रिपोर्ट:-रांची डेस्क•••••

झारखंड की विशेष अदालत ने सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को कड़ी सज़ा सुनाई है। अदालत ने पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को सज़ा देते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज के लिए कलंक हैं और इन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

* क्या है मामला?

यह घटना वर्ष 2022 की है, जब आरोपी ने बच्ची को स्कूल ले जाने का बहाना बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 21 अगस्त 2025 को आरोपी को दोषी करार दिया।

सुनाई गई सज़ा

दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है

इसके अलावा, दोषी पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।

* कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि दोषी यह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त 3 महीने की कैद भुगतनी होगी।

* अदालत की टिप्पणी

विशेष न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि मासूम बच्चों के साथ इस तरह की घटनाएँ समाज को झकझोर देती हैं। न्यायालय ने यह भी माना कि कठोर सज़ा देने से समाज में एक सख्त संदेश जाएगा और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।

प्रशासनिक और कानूनी पहलू

यह मामला पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया था, जिसके तहत नाबालिग पीड़ितों के साथ यौन अपराधों में विशेष प्रावधान हैं।

राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग ने पीड़िता के परिवार को कानूनी मदद और परामर्श उपलब्ध कराया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की ओर से पीड़िता को मुआवजा राशि भी दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

सामाजिक प्रभाव

इस निर्णय को लेकर सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने न्यायालय के कदम का स्वागत किया है। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के मामलों में त्वरित और सख्त सज़ा से जागरूकता फैलेगी और अपराधियों में डर पैदा होगा।

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