
झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री के बेटे के अस्पताल निरीक्षण पर राजनीतिक विवाद
रांची:झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बेटे कृष अंसारी का एक निजी अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत करते हुए निरीक्षण करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो ने राज्य में राजनीतिक गरमाहट बढ़ा दी है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं।
भाजपा ने बताया ‘गैरकानूनी’, मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर तीखा हमला बोला है। सिंह ने कृष अंसारी की इस कार्रवाई को “गैरकानूनी” करार दिया है और मुख्यमंत्री से इस पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने तंज कसते हुए इसे एक अनुचित हस्तक्षेप बताया है। भाजपा का आरोप है कि एक गैर-सरकारी व्यक्ति का अस्पताल में इस तरह का निरीक्षण करना नियमों का उल्लंघन है और यह अधिकार का दुरुपयोग है।
कांग्रेस ने किया बचाव, बताया ‘जिम्मेदारी’
वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कृष अंसारी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री का बेटा अपनी जिम्मेदारी समझता है और अस्पतालों का निरीक्षण करता है, तो इसमें गलत क्या है? सिन्हा ने आरोप लगाया कि भाजपा को यह सिर्फ इसलिए गलत लग रहा है क्योंकि कृष अंसारी स्वास्थ्य मंत्री के बेटे हैं। कांग्रेस का तर्क है कि कृष अंसारी का यह कदम जनसेवा की भावना से प्रेरित है और इसे बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं नियम और आगे क्या?
यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी स्वयं कई मौकों पर जरूरतमंदों के बीच जाकर सेवा करते रहे हैं। इस घटना को उनके बेटे द्वारा उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए देखा जा रहा है। हालांकि, किसी भी निजी या सरकारी संस्थान का निरीक्षण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को ही अधिकार होता है। एक गैर-सरकारी व्यक्ति द्वारा इस तरह का निरीक्षण करना, भले ही सद्भाव से हो, कानूनी और प्रक्रियागत सवाल खड़े करता है।