1 min read

झारखंड के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, CRPF की प्रतिनियुक्ति के एवज में लंबित 13,299.69 करोड़ माफ करने का किया आग्रह……..

रिपोर्ट :- राँची डेस्क……

राँची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने झारखंड सरकार पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CRPF) की प्रतिनियुक्ति के एवज में लंबित 13,299.69 करोड़ रुपये की भारी राशि को माफ करने का आग्रह किया है। यह राशि मुख्य रूप से झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए तैनात अर्धसैनिक बलों के रखरखाव और परिचालन खर्चों से संबंधित है, जो राज्य गठन के समय से ही चले आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि झारखंड राज्य दशकों से उग्रवाद से प्रभावित रहा है और नक्सलवाद एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या है, न कि केवल एक राज्य-विशिष्ट मुद्दा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि नक्सलवाद से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार, दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। झारखंड ने नक्सल विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें 400 से अधिक सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।

पत्र में मुख्यमंत्री ने झारखंड की वित्तीय स्थिति पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि राज्य एक खनिज-समृद्ध क्षेत्र होने के बावजूद, इसकी अधिकांश आदिवासी आबादी गरीबी और पिछड़ेपन का सामना कर रही है। राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण इस भारी बकाया राशि का भुगतान करना राज्य सरकार के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ होगा, जिससे विकास योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। सोरेन ने तर्क दिया है कि यदि यह राशि माफ कर दी जाती है, तो राज्य सरकार इन संसाधनों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और अन्य सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं पर कर सकेगी, जिससे राज्य की गरीब और वंचित आबादी को सीधा लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और राज्य को सहयोग प्रदान करने की आशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के इस कदम से झारखंड को अपनी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी और राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ सकेगा। यह बकाया राशि मुख्य रूप से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती, उनके वेतन, भत्ते, हथियारों के रखरखाव और अन्य प्रशासनिक खर्चों से संबंधित है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए किए गए हैं। झारखंड सरकार का मानना है कि इन खर्चों का एक बड़ा हिस्सा केंद्र को वहन करना चाहिए, क्योंकि यह देश की आंतरिक सुरक्षा का मामला है।

हाल के वर्षों में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियानों ने नक्सलवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें कई बड़े नक्सली मारे गए हैं या उन्होंने आत्मसमर्पण किया है। इन अभियानों में केंद्रीय बलों की भूमिका अहम रही है। मुख्यमंत्री का यह पत्र केंद्र सरकार से राज्य की वित्तीय स्थिति के प्रति संवेदनशीलता और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में साझा जिम्मेदारी की अपील है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *