
कांके के चूड़ी टोला में अनियमितता का आरोप, ग्रामीणों ने रोका सड़क और नाली निर्माण कार्य
कांके, रांची: रांची ग्रामीण विकास प्राधिकार (RRDA) विभाग द्वारा कांके प्रखंड के चूड़ी टोला में लगभग 1.25 किलोमीटर लंबी सड़क और नाली निर्माण कार्य में कथित अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों ने कार्य को रुकवा दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा कार्य में मनमानी की जा रही है और गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है.
नाली निर्माण पूरा, शिलापट्ट नदारद
ग्रामीणों ने बताया कि नाली निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन ठेकेदार द्वारा अभी तक योजना का शिलापट्ट नहीं लगाया गया है. नियमानुसार, किसी भी सरकारी निर्माण कार्य शुरू होने से पहले और उसके दौरान परियोजना से संबंधित जानकारी वाला शिलापट्ट लगाया जाना अनिवार्य होता है, जिसमें योजना का नाम, लागत, ठेकेदार का नाम और संबंधित विभाग जैसी जानकारी दी जाती है. शिलापट्ट न होने से ग्रामीणों को परियोजना की पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है.
सड़क निर्माण में गुणवत्ता पर सवाल
ग्रामीणों का मुख्य विरोध सड़क निर्माण में बरती जा रही अनियमितता को लेकर था. उनका कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान, घर-घर जल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनी द्वारा खोदे गए गड्ढों को बिना बोल्डर डाले केवल डस्ट से भरकर सड़क बनाई जा रही थी. ग्रामीणों का आरोप है कि इस तरह से बनाई गई सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब होगी और वह जल्द ही टूट जाएगी. गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण के लिए गड्ढों को उचित सामग्री, जैसे बोल्डर और गिट्टी, से भरकर सघन रूप से दबाया जाना चाहिए.
ठेकेदार और कनीय अभियंता के अलग-अलग तर्क
इस मामले में ठेकेदार का कहना है कि शिलापट्ट उन्होंने दर्जनों बार बनवाया है, लेकिन सांसद और विधायक शिलान्यास के लिए समय नहीं दे रहे हैं. हालांकि, नियमानुसार शिलापट्ट के लिए शिलान्यास की आवश्यकता नहीं होती है और इसे कार्य स्थल पर लगाया जाना चाहिए.सड़क निर्माण में बोल्डर के इस्तेमाल न होने पर ठेकेदार का तर्क है कि विभाग द्वारा प्राक्लन में बोल्डर न देने का निर्देश है. वहीं, कनीय अभियंता विशाल कुमार ने भी ठेकेदार के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि प्राक्लन में बोल्डर का प्रावधान नहीं है. उन्होंने बताया कि पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनी को ही गड्ढों को भरकर सड़क का निर्माण करना था.