
वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिमों का राजभवन के समक्ष प्रदर्शन, बिल वापस लेने की मांग…..
रिपोर्ट :- राँची डेस्क….
राँची : संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी सहमति दे दी है। जिसके बाद वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 अब कानून बन गया है। वक्फ के वास्तविक उद्देश्य और जमीनी हकीकत को लेकर वक्फ बोर्ड पर लंबे समय से सवाल उठते रहे है। देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। रांची में भी मुस्लिम समाज के लोग राजभवन के समीप बिल के खिलाफ हल्ला बोल कर रहे हैं।
नए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 10 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद भी शामिल है। याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम न सिर्फ मुस्लिम अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक ट्रस्ट व संपत्तियों के प्रशासन से वंचित करता है, बल्कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। रांची राजभवन में प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम संगठन का कहना है कि भारत सरकार सिर्फ मुसलमानों के जमीन पर नजर है।
वही दूसरी ओर रांची में हीं मुस्लिम संगठनो के द्वारा अल्बर्ट एक्का चौक लेकर सुजाता चौक तक मानव श्रृंखला बना कर विरोध करने वाले थे लेकिन प्रशासन से परमिशन नहीं मिलने के इसे स्थगित करना पड़ा।
वक्फ कानून की संशोधन के बाद सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती होगी कि नए प्रावधान को किस तरह से प्रभावी तरीके से लागू करती है। हालांकि संशोधित कानून को लागू करने की अहम जिम्मेदारी राज्यों की है क्योंकि जमीन राज्यों का विषय है। राज्य सरकारें कानून की मूल भावना के साथ इसके प्रावधानों को कितने प्रभावी तरीके से लागू कर पाएंगी, इसकी पड़ताल अहम मुद्दा है।