
प्रधानमंत्री का सड़क मार्ग से जाने और जमशेदपुर में जनसभा को संबोधन को लेकर जेएमएम ने दी कड़ी प्रतिक्रिया……..
रिपोर्ट:- रांची डेस्क…..
राँची: प्रधानमंत्री का सड़क मार्ग से जाने और जमशेदपुर में जनसभा को संबोधित को लेकर जेएमएम ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में कल करमा पर्व की शुभकामनाएं दिया। उनको यह जानकारी होनी चाहिए की यह पर्व मूल रूप से किसका है। जो सरना धर्म से संबंध रखता है उन्ही का यह महापर्व है। सरना धर्म को लेकर आज तक एनडीए गठबंधन सरकार नही बता रही है। जातीय जनगणना में सरना धर्म कोड का कहीं से भी उल्लेख नही किया गया है। कल जो जमशेदपुर में सरकारी कार्यक्रम था उसमे रेल मंत्री नही आए। जब कोई भी सरकारी कार्यक्रम होता है तो उसमें प्रोटोकॉल के अनुसार स्थानीय मंत्री, सांसद और जन प्रतिनिधि शामिल होते है। लेकिन यह कार्यक्रम पूरी तरह से एक पार्टी तक सिमट कर रह गई। टाटा नगर के किसी भी स्थानीय विधायक को नहीं बुलाया गया, बीजेपी के पराजित प्रत्याशी मौजूद रहे। हमारे सरकार भी सरकारी कार्यक्रम करते है लेकिन स्थानीय जन प्रतिनिधि को सम्मान के साथ बैनर पोस्टर में नाम लिखा रहता है। अब तो प्रधानमंत्री को भी डर लगने लगा है उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में बदलाव भी किया गया है। उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली तो इन्ही की सरकार के समय बनाए गए। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में नतीजा दिख रहा है अब सिर्फ औपचारिकता बाकी रह गया है इनको सिर्फ झारखंड ही दिखाई दे रहा है।
कोई प्रधानमंत्री चुनावी सभा के लिए 130 km सड़क मार्ग से जाता है क्या ? यानी सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। अगर बारहगोड़ा भी जाना होता तो वहां भी जाते यानी सत्ता पाने के लिए इतने आतुर हैं। संभावित हार का डर इनको सताने लग गया है। कोई भी सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक दल से नही जोड़ा जाना चाहिए।